हम सब चाहते है बराबरी
इसकेलिए लड़ाई भी करने तैयार
तदापि , एक चीज़ है जो मिलता सबको बराबर
किसी लड़ाई बिना ...
समय! न किसी को मिलता कम, या किसी को ज़्यादा
मिलता है बराबर , पर इस्तेमाल क्या करते सब बराबर ?
वही २४ घंटे , किसीको बहुत और किसीको कम पड़ते
फलस्वरूप कोई बनता विजयी, सफल और कोई असफल
तो बंद करो सोचना, कि "मेरा समय आएगा , मेरा समय आएगा "
पहले की तरह, समय थे , है और रहेगा
आने वाले कल का मत सोच !
आज , इस पल का सदुपयोग कर
और विजयी भव!
राजीव मूतेडत
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