काश, ये देश द्रोही
बलातकार पर, इतना हल्ला न मचाता
तो देश का, विश्व स्तर पर, बदनाम न होता
काश, ये नव जवान , ऊबर / ओला से
सवार न करते , बल्कि गाडी खरीद लेते
तो मोटर कार की बिक्री , इतना न घटता
काश, ये आम आदमी
प्याज कम खाता, या बिलकुल नहीं खाता
प्रिय, वित्त मंत्री जैसे
तो न होता, इतना हल्ला, मामूली बातों पर
काश, आम नागरिक, मामूली विषयों
जैसे रोज़गार, मंदी, खेती संकट,
महंगाई, इत्यादि पर कम
और राष्ट्र , राष्ट्रवाद, राष्ट्रीय गौरव पर
ज़्यादा ज़ोर देता
तो बहुत ऊंचा रहता
भारत की शान !
काश .....
Nice to know that you write poems in English, Malayalam and Hindi. Any other language?
ReplyDeleteThanks a lot! I predominantly write in English and occasionally in Malayalam and Hindi.
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