"जो इश्क़ कभी नहीं किया है
वह क्या जाने प्रेम क्या चीज़ है ?"
चिल्लाया एक प्रेम विवश लड़की
अपनी बड़ी बहन पर !
बहन का उपदेश बिलकुल सही था
"न करना प्यार , बेरोज़गार लड़के से
जो अक्सर गुस्सा भी करता है
दूर रहो उस आदमी से
जिसका आदत है पीना, दारु और सिगरेट ! "
दीदी क्या जाने , उसकी हालत
कि बात, हाथ से निकल चुकी थी
बहुत ज़्यादे दिनों से वह
प्रेम की बिमारी से तरस रही थी
परवाना को पता है
कि खुद मिटने वाली है
शोले से जुड़ने से
पर स्वयं रोक नहीं कर पाती
मौतसा इश्क़ का जो
शिकार बन गया है !
राजीव मूतेडत
NB: इस कविता को मै काव्यकौमुदि मंच पर 24/9/2021 तारिक को प्रस्तुत किया था |
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