पहले भी गप मारना बहुतों को पसंद था
"फलाना स्टार मर गया
कोई गिर गया , कोई डर गया
कोई भागा किसी और की बीवी के साथ!"
अब तो सोशल मीडिया भी आयी
तो मज़ा ही मज़ा है!
पहले न्यूज़ फैलाने की चक्कर में
सही गलत की जाँच केलिए
किसके पास समय है?
सच्ची बात तो यह है
कि हम एक ही बाप के बच्चे है
भले अपने ही भाई की निंदा करने में
मज़ाक उठाने में,ऐसे क्या मज़ा है ?
दुनिया में मानव कहीं भी रहे
कोई भी भाषा वेशभूषा के हो
भिन्न भिन्न धर्म का हो
सच्ची बात तो यह है
कि हम सब एक ही बाप के बच्चे है !
तो मत करो प्रसिद्धि
व्यर्थ, बुरी बातों की
न सुनो या सुनाओ
इस रीति का ताज़ा खबर
और ख़बरदार रहो अफ़वाहों से...
NB: यह कविता बीके ( ब्रह्मकुमारीs) की पढाई से प्रेरित है।
"फलाना स्टार मर गया
कोई गिर गया , कोई डर गया
कोई भागा किसी और की बीवी के साथ!"
अब तो सोशल मीडिया भी आयी
तो मज़ा ही मज़ा है!
पहले न्यूज़ फैलाने की चक्कर में
सही गलत की जाँच केलिए
किसके पास समय है?
सच्ची बात तो यह है
कि हम एक ही बाप के बच्चे है
भले अपने ही भाई की निंदा करने में
मज़ाक उठाने में,ऐसे क्या मज़ा है ?
दुनिया में मानव कहीं भी रहे
कोई भी भाषा वेशभूषा के हो
भिन्न भिन्न धर्म का हो
सच्ची बात तो यह है
कि हम सब एक ही बाप के बच्चे है !
तो मत करो प्रसिद्धि
व्यर्थ, बुरी बातों की
न सुनो या सुनाओ
इस रीति का ताज़ा खबर
और ख़बरदार रहो अफ़वाहों से...
NB: यह कविता बीके ( ब्रह्मकुमारीs) की पढाई से प्रेरित है।
सुंदर विचार राजीव जी.
ReplyDeleteशुक्रिया राकेशजी!
ReplyDeleteBilku sahi kaha aapne, Rajeev! Kaash ki hum samajh paate..parnindaa, gossip mongering great pastimes these days:(
ReplyDeleteThank you so much for your feedback Amit!
ReplyDeleteI so agree, verifying and social media seem to be opposite words!
ReplyDeleteThank you so much for sharing your thoughts Mridula!
ReplyDeleteसही कहा आपने। हम सभी अक्सर गलत खबर काेे भी जाने अनजाने प्रसारित कर देते हैं। अफवाहें फैलाने वाले भले ही अफवाहें फैलाएं। लेकिन हम जैसे जागरूक लोगों को अफवाहों के प्रसार की सींढ़ीं नहीं बनना चाहिए।
ReplyDeleteबिलकुल सही जमशेदजी!आपका विचार यहाँ रखने केलिए शुक्रिया!
ReplyDeleteBahut acche vichar....i agree.....
ReplyDeleteShukriya amulji!
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