ऐसा नहीं कि लोगों को पता नहीं
कि सिगार्रेट पीना हानिकर है
फिर भी छोड़ नहीं पाते, आदत से
संस्कार जो बन चुका है!
गुस्से की कहानी भी कुछ वैसे ही है
सब जानते है कि गुस्सा से
हानि ज़्यादा, फायदा कम
फिर भी छोड़ने की मुश्किल में, तड़पते रहते है
गुस्सा की शुरू है चिड़चिड़ाहट से
जब कोई, अपनी बात नहीं मानती
जब सब चीज़ अपनी इचानुसार नहीं होती
तो समझते है कि गुस्सा करना स्वाभाविक है!
बहुतों का यह है, विश्वास
कि काम कराना है,तो चाहिए गुस्सा
कोई बदलाव होगा तो सिर्फ गुस्सा से
आखिर बदलाव लाना है विश्वास में हमारा
कि "नकारात्मक ऊर्जा से होगी सकारात्मक हल!"
अल्प काल. कुछ समय केलिए, गुस्सा
काम करने लगता है
पर लंबी काल में वह
स्थापित होता निष्प्रभाव!
हमेशा गुस्सा करने वालों को
अवज्ञा करने लगते है, या स्वसुरक्षा
बचाव का लोग, तरीखे ढूंढ लेते है
क्रोध का अंतिम परिणाम
है सिर्फ दरार,नाराज़गी
गलत फहमी और विरोध!
जहाँ प्रेम और आदर हो सब का
काम से ज़्यादा प्रधानता, मनुष्यों का
वहाँ होता है काम अनायास
सब खुद करते है, प्यार से काम
निरिक्षण का सवाल ही नहीं उठता!
NB: यह कविता बीके ( ब्रह्मकुमारीs) की पढाई से प्रेरित है।
कि सिगार्रेट पीना हानिकर है
फिर भी छोड़ नहीं पाते, आदत से
संस्कार जो बन चुका है!
गुस्से की कहानी भी कुछ वैसे ही है
सब जानते है कि गुस्सा से
हानि ज़्यादा, फायदा कम
फिर भी छोड़ने की मुश्किल में, तड़पते रहते है
गुस्सा की शुरू है चिड़चिड़ाहट से
जब कोई, अपनी बात नहीं मानती
जब सब चीज़ अपनी इचानुसार नहीं होती
तो समझते है कि गुस्सा करना स्वाभाविक है!
बहुतों का यह है, विश्वास
कि काम कराना है,तो चाहिए गुस्सा
कोई बदलाव होगा तो सिर्फ गुस्सा से
आखिर बदलाव लाना है विश्वास में हमारा
कि "नकारात्मक ऊर्जा से होगी सकारात्मक हल!"
अल्प काल. कुछ समय केलिए, गुस्सा
काम करने लगता है
पर लंबी काल में वह
स्थापित होता निष्प्रभाव!
हमेशा गुस्सा करने वालों को
अवज्ञा करने लगते है, या स्वसुरक्षा
बचाव का लोग, तरीखे ढूंढ लेते है
क्रोध का अंतिम परिणाम
है सिर्फ दरार,नाराज़गी
गलत फहमी और विरोध!
जहाँ प्रेम और आदर हो सब का
काम से ज़्यादा प्रधानता, मनुष्यों का
वहाँ होता है काम अनायास
सब खुद करते है, प्यार से काम
निरिक्षण का सवाल ही नहीं उठता!
NB: यह कविता बीके ( ब्रह्मकुमारीs) की पढाई से प्रेरित है।
Good one. Being attracted to Brahmakumaris?
ReplyDeleteThank you Tomichan! With age you tend to be drawn to spirituality. Bk have been generally noncontroversial and incorporates the significance of all religions under its umbrella.
ReplyDeleteThe foremost ill-effect of anger is on one's health. And that damage is irreversible.
ReplyDeleteYou are spot on Amit! Thank you for sharing your thought.
ReplyDeleteThis is one aspect i have been trying hard to overcome. And not overthinking about anything is one way of how one can get rid of Anger!
ReplyDeleteThank you for sharing your thought Alok. We all tend to grapple with the problem at some time or the other...
ReplyDeleteTrue that when you only have a hammer every problem is a nail!
ReplyDeleteThank you for sharing your thought Mridula!
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